I am in 21st....And where you placed me..Is it where I deserved to be.., Is it what I am meant for..,I adaptad in every role.. Yet You don't give what is due to me..? My Dad Promised me Every Happiness in Mother's world.. And you gave inferiority , feminity....My Husband promised A Life full Of Rights.. And I am now Only Your House's Slave.. My Child Made promise to keep Me at Seventh Sky.. And I am underneath you..you put me beside..!Your Other Half.. Spiritually Broken.. It will be continued.. With the ones coming after.. How will it ever break-free..?I can't answer..it is never taught to me..
बिल्लियां सभी की बात सुनने के बाद वे जाती है सबसे जरूरी काम को अंजाम देने। सूंघ कर, चाट कर रिसर्च करने। अपने आकार के लिए है बेहद सजग, हर जगह घुस कर देखने में रहती है मशगूल तब। कुछ मनका न मिलने पर, गुस्से को नाक पर रखती है तब। लेकिन उत्सुकता से कम भरी नही रहती है आंखें कुछ घटित हो जाने पर अपने वजूद के लिए मनुष्यों से भी ज्यादा उत्सुक होती ये बिल्लियां। अपनी सारी शर्तें निभाने के लिए तैयार होती है बिल्लियां।