लड़की होना कभी कभी पाप सा लगता है , ज़िन्दगी का कुछ हिस्सा अधुरा सा लगता है | सपने देखने की आजादी तो होती है , पर अफ़सोस पूरे करने का ना हक होता है | अकेले छोड़ देंगे कैसा सवाल होता है, लड़की के लिए इसीलिए बहुत खौफ सा होता है | अनजान होती है वो सपनो की हकीकत से. क्योंकि असलियत देखने का न हौसला होता है | सोचती है सब साथ है उसके अपने , पर जानती है कभी पूरे ना होंगे उसके सपने | लड़की होना कभी कभी पाप सा लगता है. ज़िन्दगी का कुछ हिस्सा अधुरा सा लगता है| कविता- दीपाली श्रीवास्तव
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